भले ही… लंबी दौड़ में कदम कभी-कभी डगमगाते हों… भले ही… अपने हक़ के लिए आवाज़ बुलंद न भले ही… लंबी दौड़ में कदम कभी-कभी डगमगाते हों… भले ही… अपने हक़ के लिए आवाज़...
किरण किरण
कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
देखो कितनी प्यारी है हमारी बिटिया देखो कितनी प्यारी है हमारी बिटिया